उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र (Uttara Phalguni Nakshatra) की संपूर्ण जानकारी – 2025 में प्रभाव

उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र वैदिक ज्योतिष का बारहवाँ नक्षत्र है और यह सिंह (Leo) और कन्या (Virgo) राशि में स्थित होता है। यह नक्षत्र धर्म, दान, परोपकार, स्थिरता, और नेतृत्व का प्रतीक है। उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र वाले जातक स्थिर, जिम्मेदार, उदार और परोपकारी होते हैं। 1. उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का ज्योतिषीय विवरण: 2. उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का स्वभाव और विशेषताएँ … Read more

पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र (Purva Phalguni Nakshatra) की संपूर्ण जानकारी – 2025 में प्रभाव

पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र वैदिक ज्योतिष का ग्यारहवां नक्षत्र है और यह सिंह राशि (Leo) में स्थित होता है। यह नक्षत्र सौंदर्य, भोग-विलास, आनंद, प्रेम, रचनात्मकता, और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। यह नक्षत्र जीवन के सुखद और आनंददायक पहलुओं पर अधिक ध्यान केंद्रित करता है। 1. पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र का ज्योतिषीय विवरण: संख्या: 11 (ग्यारहवां नक्षत्र) नक्षत्र क्षेत्र: … Read more

मघा नक्षत्र (Magha Nakshatra) की संपूर्ण जानकारी – 2025 में प्रभाव

मघा नक्षत्र वैदिक ज्योतिष का दसवां नक्षत्र है और यह सिंह राशि (Leo) में स्थित होता है। यह नक्षत्र राजसी ठाट-बाट, विरासत, पूर्वजों, सम्मान, और नेतृत्व क्षमता का प्रतीक है। मघा नक्षत्र में जन्मे जातक सामाजिक प्रतिष्ठा, अधिकार, और आध्यात्मिक ज्ञान के लिए जाने जाते हैं। 1. मघा नक्षत्र का ज्योतिषीय विवरण: संख्या: 10 (दसवां … Read more

अश्लेषा नक्षत्र (Ashlesha Nakshatra) की संपूर्ण जानकारी – 2025 में प्रभाव

अश्लेषा नक्षत्र वैदिक ज्योतिष का नौवां नक्षत्र है और यह पूर्ण रूप से कर्क राशि (Cancer) में स्थित होता है। यह नक्षत्र रहस्य, आध्यात्मिक शक्ति, कूटनीति और नियंत्रण का प्रतीक है। अश्लेषा नक्षत्र के जातक गहरी सोच, तीव्र बुद्धि और छिपी हुई शक्तियों से प्रभावित होते हैं। 1. अश्लेषा नक्षत्र का ज्योतिषीय विवरण: 2. अश्लेषा … Read more

पुष्य नक्षत्र (Pushya Nakshatra) की संपूर्ण जानकारी – 2025 में प्रभाव

पुष्य नक्षत्र वैदिक ज्योतिष का आठवाँ नक्षत्र है और यह पूर्ण रूप से कर्क राशि (Cancer) में स्थित होता है। इसे सबसे शुभ नक्षत्रों में से एक माना जाता है क्योंकि यह समृद्धि, पोषण, और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक है। यह नक्षत्र धार्मिक कार्यों, ज्ञान, शिक्षा, और भक्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। … Read more

पुनर्वसु नक्षत्र (Punarvasu Nakshatra) की संपूर्ण जानकारी – 2025 में प्रभाव

पुनर्वसु नक्षत्र वैदिक ज्योतिष का सातवाँ नक्षत्र है और यह मिथुन (Gemini) और कर्क (Cancer) राशि में स्थित होता है। यह नक्षत्र पुनरावृत्ति, पुनर्जन्म, समृद्धि, और संतोष का प्रतीक है। “पुनः” का अर्थ होता है “फिर से” और “वसु” का अर्थ होता है “धन या समृद्धि”, यानी यह नक्षत्र पुनर्जन्म, नवीनीकरण और सकारात्मक परिवर्तन को … Read more

आर्द्रा नक्षत्र (Ardra Nakshatra) की संपूर्ण जानकारी – 2025 में प्रभाव

आर्द्रा नक्षत्र वैदिक ज्योतिष का छठा नक्षत्र है और यह पूरी तरह से मिथुन राशि (Gemini) में स्थित होता है। इसका प्रतीक आंसू की बूंद (Teardrop) या तूफान (Storm) है, जो इस नक्षत्र की गहरी भावनाओं, परिवर्तन, और संघर्ष से जुड़ी ऊर्जा को दर्शाता है। आर्द्रा नक्षत्र विनाश और पुनर्निर्माण का नक्षत्र माना जाता है, … Read more

मृगशिरा नक्षत्र (Mrigashira Nakshatra) की संपूर्ण जानकारी – 2025 में प्रभाव

मृगशिरा नक्षत्र वैदिक ज्योतिष का पाँचवाँ नक्षत्र है और यह मेष (Aries) और वृषभ (Taurus) राशियों में स्थित होता है। इस नक्षत्र का प्रतीक हिरण का सिर (Deer’s Head) है, जो इसकी खोजी प्रवृत्ति, चंचलता और जिज्ञासा को दर्शाता है। मृगशिरा नक्षत्र सौंदर्य, साहस, यात्रा, और ज्ञान की खोज से जुड़ा होता है। 1. मृगशिरा … Read more

रोहिणी नक्षत्र (Rohini Nakshatra) की संपूर्ण जानकारी – 2025 में प्रभाव

रोहिणी नक्षत्र वैदिक ज्योतिष का चौथा नक्षत्र है और यह पूर्ण रूप से वृषभ राशि (Taurus) में स्थित होता है। यह नक्षत्र सौंदर्य, समृद्धि, आकर्षण और रचनात्मकता का प्रतीक है। इसे सबसे शुभ नक्षत्रों में से एक माना जाता है और यह आनंद, उर्वरता तथा जीवन की समृद्धि को दर्शाता है। 1. रोहिणी नक्षत्र का … Read more

कृत्तिका नक्षत्र (Krittika Nakshatra) की संपूर्ण जानकारी – 2025 में प्रभाव

कृत्तिका नक्षत्र वैदिक ज्योतिष का तीसरा नक्षत्र है और यह मेष (Aries) और वृषभ (Taurus) राशि में स्थित होता है। इस नक्षत्र को शक्ति, पवित्रता, दृढ़ता और परिवर्तन का प्रतीक माना जाता है। कृत्तिका नक्षत्र के जातक नेतृत्व क्षमता, आत्मविश्वास और साहस से भरपूर होते हैं। 1. कृत्तिका नक्षत्र का ज्योतिषीय विवरण: 2. कृत्तिका नक्षत्र … Read more