एकादशी माता की आरती

॥ एकादशी माता की आरती ॥ ॐ जय एकादशी, जय एकादशी,जय एकादशी माता। विष्णु पूजा व्रत को धारण कर,शक्ति मुक्ति पाता॥ ॐ जय एकादशी…॥ तेरे नाम गिनाऊं देवी,भक्ति प्रदान करनी। गण गौरव की देनी माता,शास्त्रों में वरनी॥ ॐ जय एकादशी…॥ मार्गशीर्ष के कृष्णपक्ष की उत्पन्ना,विश्वतारनी जन्मी। शुक्ल पक्ष में हुई मोक्षदा,मुक्तिदाता बन आई॥ ॐ जय … Read more

आरती श्री दुर्गाजी

॥ आरती श्री दुर्गाजी ॥ अम्बे तू है जगदम्बे काली,जय दुर्गे खप्पर वाली, तेरे ही गुण गावें भारती,ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती। ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥ तेरे भक्त जनो पर माताभीर पड़ी है भारी। दानव दल पर टूट पड़ो माँकरके सिंह सवारी॥ सौ-सौ सिहों से बलशाली,है अष्ट भुजाओं वाली, दुष्टों … Read more

आरती श्री गंगाजी

॥ आरती श्री गंगाजी ॥ ॐ जय गंगे माता,मैया जय गंगे माता। जो नर तुमको ध्याता,मनवांछित फल पाता॥ ॐ जय गंगे माता॥ चन्द्र-सी ज्योति तुम्हारी,जल निर्मल आता। शरण पड़े जो तेरी,सो नर तर जाता॥ ॐ जय गंगे माता॥ पुत्र सगर के तारे,सब जग को ज्ञाता। कृपा दृष्टि हो तुम्हारी,त्रिभुवन सुख दाता॥ ॐ जय गंगे माता॥ … Read more

आरती श्री वैष्णो देवी

॥ आरती श्री वैष्णो देवी ॥ जय वैष्णवी माता,मैया जय वैष्णवी माता। हाथ जोड़ तेरे आगे,आरती मैं गाता॥ शीश पे छत्र विराजे,मूरतिया प्यारी। गंगा बहती चरनन,ज्योति जगे न्यारी॥ ब्रह्मा वेद पढ़े नित द्वारे,शंकर ध्यान धरे। सेवक चंवर डुलावत,नारद नृत्य करे॥ सुन्दर गुफा तुम्हारी,मन को अति भावे। बार-बार देखन को,ऐ माँ मन चावे॥ भवन पे झण्डे … Read more

आरती श्री सरस्वती जी

॥ आरती श्री सरस्वती जी ॥ जय सरस्वती माता,मैया जय सरस्वती माता। सदगुण वैभव शालिनी,त्रिभुवन विख्याता॥ जय सरस्वती माता॥ चन्द्रवदनि पद्मासिनि,द्युति मंगलकारी। सोहे शुभ हंस सवारी,अतुल तेजधारी॥ जय सरस्वती माता॥ बाएं कर में वीणा,दाएं कर माला। शीश मुकुट मणि सोहे,गल मोतियन माला॥ जय सरस्वती माता॥ देवी शरण जो आए,उनका उद्धार किया। पैठी मंथरा दासी,रावण संहार … Read more

आरती श्री सन्तोषी माँ

॥ आरती श्री सन्तोषी माँ ॥ जय सन्तोषी माता,मैया जय सन्तोषी माता। अपने सेवक जन को,सुख सम्पत्ति दाता॥ जय सन्तोषी माता॥ सुन्दर चीर सुनहरीमाँ धारण कीन्हों। हीरा पन्ना दमके,तन श्रृंगार कीन्हों॥ जय सन्तोषी माता॥ गेरू लाल छटा छवि,बदन कमल सोहे। मन्द हंसत करुणामयी,त्रिभुवन मन मोहे॥ जय सन्तोषी माता॥ स्वर्ण सिंहासन बैठी,चंवर ढुरें प्यारे। धूप दीप … Read more

आरती श्री लक्ष्मी जी

॥ आरती श्री लक्ष्मी जी ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता,मैया जय लक्ष्मी माता। तुमको निशिदिन सेवत,हरि विष्णु विधाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥ उमा, रमा, ब्रह्माणी,तुम ही जग-माता। सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत,नारद ऋषि गाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥ दुर्गा रुप निरंजनी,सुख सम्पत्ति दाता। जो कोई तुमको ध्यावत,ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥ ॐ जय लक्ष्मी माता॥ तुम पाताल-निवासिनि,तुम ही शुभदाता। कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,भवनिधि … Read more

आरती श्री अम्बा जी

॥ आरती श्री अम्बा जी ॥ जय अम्बे गौरी,मैया जय श्यामा गौरी। तुमको निशिदिन ध्यावत,हरि ब्रह्मा शिवरी॥ जय अम्बे गौरी माँग सिन्दूर विराजत,टीको मृगमद को। उज्जवल से दो‌उ नैना,चन्द्रवदन नीको॥ जय अम्बे गौरी कनक समान कलेवर,रक्ताम्बर राजै। रक्तपुष्प गल माला,कण्ठन पर साजै॥ जय अम्बे गौरी केहरि वाहन राजत,खड्ग खप्परधारी। सुर-नर-मुनि-जन सेवत,तिनके दुखहारी॥ जय अम्बे गौरी … Read more

श्री रघुवर आरती

॥ श्री रघुवर आरती ॥ आरती कीजै श्री रघुवर जी की,सत् चित् आनन्द शिव सुन्दर की। दशरथ तनय कौशल्या नन्दन,सुर मुनि रक्षक दैत्य निकन्दन। अनुगत भक्त भक्त उर चन्दन,मर्यादा पुरुषोतम वर की। आरती कीजै श्री रघुवर जी की…। निर्गुण सगुण अनूप रूप निधि,सकल लोक वन्दित विभिन्न विधि। हरण शोक-भय दायक नव निधि,माया रहित दिव्य नर … Read more

आरती श्री कुबेर जी की

॥ आरती श्री कुबेर जी की ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे,स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे। शरण पड़े भगतों के,भण्डार कुबेर भरे॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥ शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े,स्वामी भक्त कुबेर बड़े। दैत्य दानव मानव से,कई-कई युद्ध लड़े॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥ स्वर्ण सिंहासन बैठे,सिर पर छत्र फिरे, … Read more