| दिनांक | त्यौहार |
|---|---|
| सोमवार, 02 जनवरी | पौष पुत्रदा एकादशी |
| बुधवार, 18 जनवरी | षटतिला एकादशी |
| बुधवार, 01 फरवरी | जया एकादशी |
| गुरुवार, 16 फरवरी | विजया एकादशी |
| शुक्रवार, 03 मार्च | आमलकी एकादशी |
| शनिवार, 18 मार्च | पापमोचिनी एकादशी |
| शनिवार, 01 अप्रैल | कामदा एकादशी |
| रविवार, 16 अप्रैल | वरुथिनी एकादशी |
| सोमवार, 01 मई | मोहिनी एकादशी |
| सोमवार, 15 मई | अपरा एकादशी |
| बुधवार, 31 मई | निर्जला एकादशी |
| बुधवार, 14 जून | योगिनी एकादशी |
| गुरुवार, 29 जून | देवशयनी एकादशी |
| गुरुवार, 13 जुलाई | कामिका एकादशी |
| शनिवार, 29 जुलाई | पद्मिनी एकादशी |
| शनिवार, 12 अगस्त | परम एकादशी |
| रविवार, 27 अगस्त | श्रावण पुत्रदा एकादशी |
| रविवार, 10 सितंबर | अजा एकादशी |
| सोमवार, 25 सितंबर | परिवर्तिनी एकादशी |
| मंगलवार, 10 अक्टूबर | इन्दिरा एकादशी |
| बुधवार, 25 अक्टूबर | पापांकुशा एकादशी |
| गुरुवार, 09 नवंबर | रमा एकादशी |
| गुरुवार, 23 नवंबर | देवुत्थान एकादशी |
| शुक्रवार, 08 दिसंबर | उत्पन्ना एकादशी |
| शनिवार, 23 दिसंबर | मोक्षदा एकादशी |
एकादशी को क्या न करें?
● वृक्ष से पत्ते न तोड़ें।
● घर में झाड़ू न लगाएं। ऐसा इसीलिए किया जाता है क्यूंकि घर में झाड़ू आदि लगाने से चीटियों या छोटे-छोटे जीवों के मरने का डर होता है। और इस दिन जीव हत्या करना पाप होता है।
● बाल नहीं कटवाएं।
● ज़रूरत हो तभी बोलें। कम से कम बोलने की कोशिश करें। ऐसा इसीलिए किया जाता है क्यूंकि ज्यादा बोलने से मुँह से गलत शब्द निकलने की संभावना रहती है।
● एकादशी के दिन चावल का सेवन भी वर्जित होता है।
● किसी का दिया हुआ अन्न आदि न खाएं।
● मन में किसी प्रकार का विकार न आने दें।
● यदि कोई फलाहारी है तो वे गोभी, पालक, शलजम आदि का सेवन न करें। वे आम, केला, अंगूर, पिस्ता और बादाम आदि का सेवन कर सकते है।