वर्ष 2025 में कुल दो चंद्र ग्रहण होंगे। इनमें से एक पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा और एक आंशिक (उपछाया) चंद्र ग्रहण होगा।
📌 चंद्र ग्रहण 2025 की तिथियाँ और विवरण
| क्रम | तिथि | दिन | प्रकार | भारत में दृश्यता | समय (IST) |
|---|---|---|---|---|---|
| 1️⃣ | 14 मार्च 2025 | शुक्रवार | उपछाया चंद्र ग्रहण (Penumbral) | दिखेगा | रात 10:23 बजे से 2:32 बजे (15 मार्च) तक |
| 2️⃣ | 7 सितंबर 2025 | रविवार | पूर्ण चंद्र ग्रहण (Total Lunar Eclipse) | दिखेगा | शाम 06:13 बजे से रात 11:26 बजे तक |
📌 इन ग्रहणों का लाभ और हानि
🔹 1. उपछाया चंद्र ग्रहण (14 मार्च 2025)
🔸 यह ग्रहण केवल चंद्रमा पर हल्की छाया डालता है, इसलिए इसे नंगी आंखों से देख पाना कठिन होता है।
🔸 इसका धार्मिक और ज्योतिषीय प्रभाव सीमित होता है।
🔸 इस दौरान मानसिक शांति बनाए रखना उचित होता है।
🔹 2. पूर्ण चंद्र ग्रहण (7 सितंबर 2025)
🔹 यह एक महत्वपूर्ण ग्रहण है क्योंकि इसमें चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की छाया में आ जाता है।
🔹 यह भारत समेत कई देशों में स्पष्ट रूप से दिखेगा।
🔹 धार्मिक दृष्टि से, इस दौरान सूतक काल मान्य होता है।
📌 धार्मिक और ज्योतिषीय प्रभाव
🔹 सूतक काल
🔸 पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक काल ग्रहण से 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है।
🔸 सूतक काल में भोजन, पूजा-पाठ और शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं।
🔸 गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
🔹 चंद्र ग्रहण के लाभ
✔ ग्रहण काल में जप, ध्यान, और मंत्रों का जाप बहुत फलदायी माना जाता है।
✔ ग्रहण के बाद स्नान और दान करने से पापों का नाश होता है।
✔ ग्रहण के समय भगवान शिव और विष्णु की आराधना करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं।
🔹 चंद्र ग्रहण के नुकसान
❌ इस दौरान मानसिक अस्थिरता और नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है।
❌ ग्रहण के समय भोजन करने से बचना चाहिए, क्योंकि इस दौरान नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है।
❌ कमजोर राशि वालों के लिए यह समय स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ ला सकता है।
📌 ग्रहण के बाद क्या करें?
✅ ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करें।
✅ मंदिरों की शुद्धि करें और ईश्वर का ध्यान करें।
✅ जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करें।
✅ तुलसी के पत्तों को जल में डालकर छिड़कने से शुद्धिकरण होता है।
निष्कर्ष
2025 में होने वाले दोनों चंद्र ग्रहणों का भारत में प्रभाव रहेगा, विशेषकर सितंबर वाले ग्रहण का ज्योतिषीय प्रभाव अधिक माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दौरान ध्यान, दान और मंत्र जाप करना शुभ होता है। 🌕🙏