वर्ष 2025 में आने वाले प्रमुख व्रत और त्योहारों की सूची निम्नलिखित है:
| माह | तिथि | व्रत/त्योहार |
|---|---|---|
| जनवरी | 10 जनवरी | पौष पुत्रदा एकादशी |
| 14 जनवरी | मकर संक्रांति | |
| 29 जनवरी | माघ अमावस्या | |
| फरवरी | 2 फरवरी | वसंत पंचमी |
| 12 फरवरी | माघ पूर्णिमा | |
| 26 फरवरी | महाशिवरात्रि | |
| मार्च | 14 मार्च | होली |
| 30 मार्च | चैत्र नवरात्रि प्रारंभ | |
| अप्रैल | 6 अप्रैल | राम नवमी |
| 12 अप्रैल | हनुमान जयंती | |
| मई | 8 मई | मोहिनी एकादशी |
| 12 मई | वैशाख पूर्णिमा | |
| जून | 6 जून | निर्जला एकादशी |
| 27 जून | जगन्नाथ रथ यात्रा | |
| जुलाई | 6 जुलाई | देवशयनी एकादशी |
| 29 जुलाई | नाग पंचमी | |
| अगस्त | 9 अगस्त | रक्षा बंधन |
| 16 अगस्त | जन्माष्टमी | |
| सितंबर | 6 सितंबर | अनंत चतुर्दशी |
| 17 सितंबर | इंदिरा एकादशी | |
| अक्टूबर | 2 अक्टूबर | दशहरा |
| 21 अक्टूबर | दिवाली | |
| नवंबर | 2 नवंबर | देवउठनी एकादशी |
| 28 नवंबर | कार्तिक पूर्णिमा | |
| दिसंबर | 1 दिसंबर | मोक्षदा एकादशी |
| 17 दिसंबर | प्रदोष व्रत |
व्रत और त्योहारों का हमारे जीवन में विशेष महत्व है। ये न केवल धार्मिक आस्था को प्रकट करते हैं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता को भी बढ़ावा देते हैं। व्रत रखने से आत्म-संयम और अनुशासन की भावना विकसित होती है, जो मानसिक शांति और आत्म-शुद्धि में सहायक है। त्योहारों के माध्यम से परिवार और समाज के लोग एकत्रित होते हैं, जिससे आपसी प्रेम और सद्भावना में वृद्धि होती है।
हालांकि, यदि व्रत सही विधि से न किए जाएं या अत्यधिक कठोरता से पालन किए जाएं, तो शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए, व्रत रखते समय अपने शारीरिक क्षमता और स्वास्थ्य का ध्यान रखना आवश्यक है। त्योहारों के दौरान अत्यधिक खर्च या दिखावे से बचना चाहिए, ताकि इनका वास्तविक उद्देश्य और आनंद बना रहे।
अतः, व्रत और त्योहारों का पालन करते समय संतुलन और समझदारी आवश्यक है, ताकि हम इनके आध्यात्मिक और सामाजिक लाभों का पूर्ण आनंद ले सकें।