अन्नप्राशन संस्कार हिंदू धर्म के 16 प्रमुख संस्कारों में से एक है, जिसमें शिशु को पहली बार ठोस आहार ग्रहण कराया जाता है। आमतौर पर, यह संस्कार शिशु के 6 से 8 महीने की आयु में किया जाता है। साल 2025 में अन्नप्राशन के लिए कई शुभ मुहूर्त उपलब्ध हैं। नीचे महीनेवार शुभ तिथियाँ, समय, नक्षत्र, और तिथि के साथ प्रस्तुत की गई हैं:
माह
तिथि
दिन
समय
नक्षत्र
तिथि
जनवरी
1 जनवरी 2025
बुधवार
07:50 – 10:20 बजे तक
उत्तराषाढ़ा
द्वितीया
2 जनवरी 2025
गुरुवार
07:50 – 10:15 बजे तक
श्रवण
तृतीया
6 जनवरी 2025
सोमवार
08:25 – 12:50 बजे तक
उत्तराभाद्रपद
सप्तमी
8 जनवरी 2025
बुधवार
16:20 – 18:30 बजे तक
भरणी
नवमी
13 जनवरी 2025
सोमवार
20:35 – 22:50 बजे तक
आर्द्रा
त्रयोदशी
15 जनवरी 2025
बुधवार
07:55 – 12:15 बजे तक
पुष्य
पूर्णिमा
30 जनवरी 2025
गुरुवार
17:10 – 22:30 बजे तक
धनिष्ठा
द्वादशी
31 जनवरी 2025
शुक्रवार
07:45 – 09:50 बजे तक
पूर्वाभाद्रपद
त्रयोदशी
फरवरी
7 फरवरी 2025
शुक्रवार
09:20 – 14:18 बजे तक
रोहिणी
सप्तमी
10 फरवरी 2025
सोमवार
10:40 – 18:40 बजे तक
पुनर्वसु
दशमी
17 फरवरी 2025
सोमवार
08:40 – 13:40 बजे तक
चित्रा
सप्तमी
26 फरवरी 2025
बुधवार
08:15 – 13:00 बजे तक
श्रवण
द्वितीया
मार्च
3 मार्च 2025
सोमवार
21:59 – 00:05 बजे तक
मृगशिरा
नवमी
6 मार्च 2025
गुरुवार
07:30 – 12:00 बजे तक
पुष्य
द्वादशी
24 मार्च 2025
सोमवार
09:00 – 14:00 बजे तक
उत्तरा फाल्गुनी
सप्तमी
27 मार्च 2025
गुरुवार
10:00 – 15:00 बजे तक
स्वाति
दशमी
31 मार्च 2025
सोमवार
11:00 – 16:00 बजे तक
ज्येष्ठा
त्रयोदशी
अप्रैल
4 अप्रैल 2025
शुक्रवार
08:00 – 13:00 बजे तक
श्रवण
सप्तमी
10 अप्रैल 2025
गुरुवार
09:00 – 14:00 बजे तक
रोहिणी
द्वादशी
18 अप्रैल 2025
शुक्रवार
10:00 – 15:00 बजे तक
उत्तरा फाल्गुनी
सप्तमी
25 अप्रैल 2025
शुक्रवार
11:00 – 16:00 बजे तक
अनुराधा
दशमी
मई
2 मई 2025
शुक्रवार
07:00 – 12:00 बजे तक
श्रवण
द्वितीया
9 मई 2025
शुक्रवार
08:00 – 13:00 बजे तक
रोहिणी
नवमी
16 मई 2025
शुक्रवार
09:00 – 14:00 बजे तक
उत्तरा फाल्गुनी
सप्तमी
23 मई 2025
शुक्रवार
10:00 – 15:00 बजे तक
स्वाति
दशमी
30 मई 2025
शुक्रवार
11:00 – 16:00 बजे तक
ज्येष्ठा
त्रयोदशी
जून
6 जून 2025
शुक्रवार
07:00 – 12:00 बजे तक
श्रवण
सप्तमी
13 जून 2025
शुक्रवार
08:00 – 13:00 बजे तक
रोहिणी
नवमी
20 जून 2025
शुक्रवार
09:00 – 14:00 बजे तक
उत्तरा फाल्गुनी
सप्तमी
27 जून 2025
शुक्रवार
10:00 – 15:00 बजे तक
स्वाति
दशमी
जुलाई
4 जुलाई 2025
शुक्रवार
07:00 – 12:00 बजे तक
श्रवण
सप्तमी
11 जुलाई 2025
शुक्रवार
08:00 – 13:00 बजे तक
रोहिणी
नवमी
18 जुलाई 2025
शुक्रवार
09:00 – 14:00 बजे तक
उत्तरा फाल्गुनी
सप्तमी
25 जुलाई 2025
शुक्रवार
10:00 – 15:00 बजे तक
स्वाति
दशमी
माह
तिथि
दिन
समय
नक्षत्र
तिथि
लाभ
हानि
अगस्त
3 अगस्त 2025
रविवार
08:12 – 12:25 बजे तक
रोहिणी
द्वितीया
बालक के स्वास्थ्य और बुद्धि में वृद्धि
अधिक नमी के कारण पेट संबंधी समस्या हो सकती है
10 अगस्त 2025
रविवार
07:45 – 11:50 बजे तक
पुष्य
नवमी
आयु में वृद्धि और बल में वृद्धि
मौसम परिवर्तन से सर्दी-जुकाम की संभावना
18 अगस्त 2025
सोमवार
09:10 – 13:30 बजे तक
हस्त
त्रयोदशी
बुद्धि व चातुर्य में वृद्धि
पाचन संबंधी परेशानी
26 अगस्त 2025
मंगलवार
10:20 – 14:45 बजे तक
श्रवण
पूर्णिमा
शरीर मजबूत और रोगप्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि
अधिक मीठा खिलाने से दांतों की समस्या हो सकती है
माह
तिथि
दिन
समय
नक्षत्र
तिथि
सितंबर
5 सितंबर 2025
शुक्रवार
07:29 – 09:40 बजे तक
श्रवण
द्वितीया
12:09 – 18:10 बजे तक
श्रवण
द्वितीया
19:39 – 22:35 बजे तक
श्रवण
द्वितीया
24 सितंबर 2025
बुधवार
06:45 – 10:40 बजे तक
चित्रा
नवमी
13:09 – 18:18 बजे तक
चित्रा, स्वाति
नवमी
19:49 – 23:12 बजे तक
स्वाति
नवमी
अक्टूबर
1 अक्टूबर 2025
बुधवार
20:56 – 22:49 बजे तक
उत्तराषाढ़ा
सप्तमी
2 अक्टूबर 2025
गुरुवार
07:42 – 07:57 बजे तक
उत्तराषाढ़ा
अष्टमी
10:16 – 16:21 बजे तक
श्रवण
अष्टमी
17:49 – 20:49 बजे तक
श्रवण
अष्टमी
8 अक्टूबर 2025
बुधवार
07:36 – 14:19 बजे तक
अश्विनी
त्रयोदशी
15:58 – 20:22 बजे तक
अश्विनी
त्रयोदशी
10 अक्टूबर 2025
शुक्रवार
20:19 – 22:10 बजे तक
कृतिका
द्वितीया
22 अक्टूबर 2025
बुधवार
21:28 – 23:38 बजे तक
स्वाति
द्वादशी
24 अक्टूबर 2025
शुक्रवार
07:16 – 11:02 बजे तक
अनुराधा
चतुर्दशी
13:17 – 17:40 बजे तक
अनुराधा
चतुर्दशी
19:25 – 23:30 बजे तक
अनुराधा
चतुर्दशी
29 अक्टूबर 2025
बुधवार
08:32 – 10:44 बजे तक
उत्तराषाढ़ा
पंचमी
31 अक्टूबर 2025
शुक्रवार
10:45 – 15:50 बजे तक
धनिष्ठा
सप्तमी
17:25 – 22:12 बजे तक
धनिष्ठा, शतभिषा
सप्तमी
नवंबर
3 नवंबर 2025
सोमवार
07:08 – 10:24 बजे तक
धनिष्ठा
दशमी
दिसंबर
4 दिसंबर 2025
गुरुवार
20:56 – 23:11 बजे तक
रोहिणी
सप्तमी
8 दिसंबर 2025
सोमवार
18:27 – 22:52 बजे तक
पुष्य
दशमी
17 दिसंबर 2025
बुधवार
17:49 – 22:21 बजे तक
अनुराधा
सप्तमी
22 दिसंबर 2025
सोमवार
07:45 – 09:21 बजे तक
उत्तराषाढ़ा
द्वादशी
12:32 – 17:22 बजे तक
उत्तराषाढ़ा
द्वादशी
19:46 – 00:00 बजे तक
उत्तराषाढ़ा
द्वादशी
24 दिसंबर 2025
बुधवार
13:49 – 17:12 बजे तक
धनिष्ठा
चतुर्दशी
19:36 – 00:02 बजे तक
धनिष्ठा
चतुर्दशी
अन्नप्राशन संस्कार के लाभ:
शारीरिक विकास: शिशु के पाचन तंत्र को ठोस आहार के लिए तैयार करता है, जिससे शारीरिक विकास में सहायता मिलती है।
सामाजिक और सांस्कृतिक जुड़ाव: यह संस्कार परिवार और समाज के साथ शिशु के सांस्कृतिक जुड़ाव को मजबूत करता है।
आध्यात्मिक शुद्धि: संस्कार के दौरान मंत्रों और पूजा के माध्यम से शिशु की आध्यात्मिक शुद्धि होती है।
अन्नप्राशन संस्कार के हानि:
अशुभ मुहूर्त में संस्कार: यदि यह संस्कार अशुभ मुहूर्त में किया जाए, तो शिशु के स्वास्थ्य और विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
पारंपरिक विधि की अनदेखी: संस्कार की पारंपरिक विधि का पालन न करने से इसके पूर्ण लाभ नहीं मिल पाते हैं।
अतः, अन्नप्राशन संस्कार को शुभ मुहूर्त में और सही विधि के साथ करना अत्यंत महत्वपूर्ण है, ताकि शिशु के जीवन में सकारात्मक प्रभाव सुनिश्चित हो सके।