अन्नप्राशन मुहूर्त 2025

अन्नप्राशन संस्कार बच्चे को पहली बार ठोस आहार (अन्न) खिलाने की विधि होती है। यह शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शुभ मुहूर्त में किया गया यह संस्कार बच्चे के स्वास्थ्य, बुद्धि और दीर्घायु के लिए लाभकारी होता है।


📌 2025 में अन्नप्राशन मुहूर्त (🔆 शुभ तिथियाँ और दिन)

क्रमतिथिदिनमुहूर्त समय
1️⃣15 जनवरी 2025बुधवार09:15 AM – 01:45 PM
2️⃣20 जनवरी 2025सोमवार10:20 AM – 02:00 PM
3️⃣12 फरवरी 2025बुधवार08:30 AM – 12:50 PM
4️⃣25 फरवरी 2025मंगलवार09:45 AM – 01:20 PM
5️⃣10 मार्च 2025सोमवार10:00 AM – 02:10 PM
6️⃣21 मार्च 2025शुक्रवार09:30 AM – 01:55 PM
7️⃣15 अप्रैल 2025मंगलवार08:50 AM – 12:40 PM
8️⃣28 अप्रैल 2025सोमवार10:10 AM – 02:30 PM
9️⃣13 मई 2025मंगलवार09:00 AM – 01:10 PM
🔟26 मई 2025रविवार09:45 AM – 02:00 PM
1️⃣1️⃣10 जून 2025मंगलवार10:15 AM – 01:55 PM
1️⃣2️⃣20 जुलाई 2025रविवार09:30 AM – 12:50 PM
1️⃣3️⃣12 अगस्त 2025मंगलवार08:45 AM – 01:40 PM
1️⃣4️⃣25 अगस्त 2025सोमवार09:50 AM – 02:05 PM
1️⃣5️⃣16 सितंबर 2025मंगलवार10:20 AM – 01:50 PM
1️⃣6️⃣21 अक्टूबर 2025मंगलवार09:15 AM – 02:20 PM
1️⃣7️⃣18 नवंबर 2025मंगलवार08:40 AM – 12:30 PM
1️⃣8️⃣24 दिसंबर 2025बुधवार10:00 AM – 01:45 PM

📌 अन्नप्राशन संस्कार के लाभ (फायदे)

शारीरिक विकास: शुभ मुहूर्त में अन्नप्राशन करने से बच्चे का स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
बुद्धि और मेधा वृद्धि: इस संस्कार से बच्चे की मानसिक क्षमता बढ़ती है।
दीर्घायु और रोग-प्रतिरोधक क्षमता: सही समय पर ठोस आहार शुरू करने से रोगों से बचाव होता है।
संस्कार और परंपरा: यह संस्कार परिवारिक परंपराओं को मजबूत करता है।
ग्रहों की शांति: ज्योतिषीय दृष्टि से सही मुहूर्त में अन्नप्राशन करने से ग्रहों के बुरे प्रभाव कम होते हैं।


📌 अन्नप्राशन संस्कार की हानि (नुकसान) अगर गलत समय पर किया जाए

गलत मुहूर्त में अन्नप्राशन करने से बच्चे का स्वास्थ्य बिगड़ सकता है।
पाचन संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं।
नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ सकता है।
बच्चे की बुद्धि और स्मरण शक्ति पर प्रभाव पड़ सकता है।


📌 अन्नप्राशन संस्कार के लिए आवश्यक चीजें

🔹 शुभ तिथि और समय का ध्यान रखना आवश्यक है।
🔹 अन्नप्राशन के लिए स्वच्छ और पवित्र स्थान चुनें।
🔹 शिशु को पहला भोजन चांदी के चम्मच से खिलाना शुभ माना जाता है।
🔹 हलवा, खीर या दलिया पहला आहार हो सकता है।
🔹 गाय के घी का प्रयोग करें, यह स्वास्थ्यवर्धक होता है।
🔹 माता-पिता और पंडितजी की उपस्थिति जरूरी होती है।


📌 निष्कर्ष

साल 2025 में कई शुभ मुहूर्त हैं, जिनमें अन्नप्राशन संस्कार किया जा सकता है। यह संस्कार बच्चे के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास में सहायक होता है। उचित मुहूर्त में, धार्मिक विधि-विधान से यह संस्कार संपन्न करने से शिशु का जीवन सुखमय और स्वस्थ रहता है। 🚩🙏