| पूर्णिमांत: | पौष 24, राक्षस |
| अमांत: | पौष 9, राक्षस |
| वैदिक ऋतु: | हेमंत |
| द्रिक ऋतु: | शिशिर |
| अयन: | दक्षिणायन |
पंचांग
| वार | रविवार |
|---|---|
| नक्षत्र | अश्विनी (up to 12:48 pm)भरणी |
| तिथि | दशमी (up to 7:12 pm)एकादशी |
| करण | गर (up to 7:12 pm)वणिज |
| योग | शिव (up to 7:24 am)सिद्धसाध्य |
जरूरी समय
दुर्मुहूर्त
- 03:57 PM – 04:38 PM
वर्ज्यम्
- 1. Jan 01 08:38 AM – Jan 1 10:18 AM
- 2. Jan 01 11:02 PM – Jan 2 12:45 AM
गंड मूल नक्षत्र
- 1. Dec 31 11:47 AM – Jan 1 12:48 PM (Ashwini)
राहू / कुलिक / यमगण्ड काल
| राहू | 04:02 PM – 05:20 PM |
| कुलिक | 02:44 PM – 04:02 PM |
| यम गण्ड | 12:09 PM – 01:27 PM |
अभिजीत मुहूर्त
11:48 AM – 12:30 PM
सूर्योदय / सूर्यास्त
सूर्योदय – 06:59 AM
सूर्यास्त – 05:19 PM
चन्द्रोदय / चन्द्रास्त
चन्द्रोदय – 01:17 PM
चन्द्रास्त – 02:44 AM
गंड मूल नक्षत्र क्या है?
गंड मूल नक्षत्र वह नक्षत्र हैं जो अशुभ नक्षत्रों की श्रेणी में आते हैं । अशुभ नक्षत्रों की श्रेणी में अश्विनी, अश्लेषा, मघा, ज्येष्ठा, मूल और रेवती आते हैं। इन नक्षत्रों का शुभ और अशुभ दोनों प्रभाव जातक को मिलता है।
दुर्मुहूर्त किसे कहते हैं?
दुर्मुहूर्त ऐसे अशुभ मुहूर्त होते हैं जिनका प्रभाव बुरा पड़ता है । ऐसे मुहूर्त को बुरी साइत के नाम से भी जाना जाता है ।
अभिजीत मुहूर्त किसे कहते हैं?
अभिजीत मुहूर्त का शाब्दिक अर्थ – अभिजीत का अर्थ है “विजेता” और मुहूर्त अर्थात “समय” अर्थात अच्छा मुहूर्त । अभिजीत मुहूर्त प्रत्येक दिन में आने वाला एक ऐसा समय है जिसमे आप अपने लगभग सभी शुभ कर्म कर सकते हैं। यदि अभिजीत मुहूर्त और अभिजीत नक्षत्र एक साथ पड़ जाएं तो अत्यंत ही शुभ माना जाता है।
राहु काल किसे कहते हैं?
राहुकाल यह कैसा समय होता है जिसमें सभी विशेष कार्य करना अशुभ माना जाता है । राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए ।
नक्षत्रों का क्या प्रभाव होता है?
हिंदू मान्यता के अनुसार 27 तरह के नक्षत्र होते हैं । जिनका अलग-अलग मनुष्य पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है ।